महिलाओं में सम्भोग की इक्षा का अभाव क्यों होता है
आम तौर और हम फिल्मो में देखते है की नायक ही नायिका के पीछे पड़ा रहता है और नायिका अपनी जीवन शेली में खूश है । नायक ही पहले प्रणय निवेदन करता है जिसे स्वीकार या अश्वीकर करने का पूर्ण अधिकार नायिका के पाया सुरक्षित होता है । नायक ही नायिका को गोद में उठा कर पलंग तक ले जाता है और उसके पहले नायिका के कई बहाने जैसे की बच्चे जग रहे है । बाबू जी देख लेंगे माजी जग जायेगी इत्यादि इत्यादि ।
पर क्यों होता है ऐसा जबकि आनंद तो दोनों को प्राप्त होता है फिर सिर्फ नायक को ही इसके लिए इतना प्रयत्न क्यों करना पड़ता है । क्यू नही नायिका स्वयं नायक को जगाती है उक्शाति है । क्यों नही वो स्वयम् नायक का हाथ पकड़ पलंग तक ले जाती है ।
इसके बैज्ञानिक कारण कोई नही है सिबाये इसके की नायिका को बचपन से पता होता है की पुरुष इस काम के लिए ज्यादा उतब्ला होता है इतना ज्यादा की रूक नही सकता और महिलाओ को ये बात इतने आत्म विस्वास के साथ भर दी जाती है की कुछ भी हो जाये वो पहल नही करती है एयर 1 बार उनका ये आत्म विस्वास पुस्त हो जाता है तो फिर वो इसका इंटजार करने में विस्वास रखती है और पुरुष को ये अहसास कराती है की हमारा समर्पण है आपके लिए ।
ये नही है की उनकी इक्षा नही होती । होती है और वो आपको उकसाती भी है । कभी किस तरह तो कभी कुछ कह कर पर मन उनका भी होता है जैसे पुरुष का होता है ।
और अगर आपको परीक्षण करने का मन हो तो भी विलम्ब न करे और एक बार कर के देखिये ।
पर क्यों होता है ऐसा जबकि आनंद तो दोनों को प्राप्त होता है फिर सिर्फ नायक को ही इसके लिए इतना प्रयत्न क्यों करना पड़ता है । क्यू नही नायिका स्वयं नायक को जगाती है उक्शाति है । क्यों नही वो स्वयम् नायक का हाथ पकड़ पलंग तक ले जाती है ।
इसके बैज्ञानिक कारण कोई नही है सिबाये इसके की नायिका को बचपन से पता होता है की पुरुष इस काम के लिए ज्यादा उतब्ला होता है इतना ज्यादा की रूक नही सकता और महिलाओ को ये बात इतने आत्म विस्वास के साथ भर दी जाती है की कुछ भी हो जाये वो पहल नही करती है एयर 1 बार उनका ये आत्म विस्वास पुस्त हो जाता है तो फिर वो इसका इंटजार करने में विस्वास रखती है और पुरुष को ये अहसास कराती है की हमारा समर्पण है आपके लिए ।
ये नही है की उनकी इक्षा नही होती । होती है और वो आपको उकसाती भी है । कभी किस तरह तो कभी कुछ कह कर पर मन उनका भी होता है जैसे पुरुष का होता है ।
और अगर आपको परीक्षण करने का मन हो तो भी विलम्ब न करे और एक बार कर के देखिये ।
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